
तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने कोविड-19 के कारण इस बार इंजीनियिरंग, फार्मेसी, एमसीए, डिप्लोमा, बायोटेक्नोलॉजी समेत सभी विषयों के प्रवेश के नियम में वर्तमान सत्र के लिए संशोधन किया है। इस बार 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स में मिले अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाकर प्रवेश दिया जाएगा। इसमें भी यदि दो बच्चों के अंक एक समान होते हैं तो पहले देखा जाएगा कि किस छात्र का गणित में अधिक अंक है। फिर भी समान अंक रहे तो फिजिक्स के अंक देखे जाएंगे। यह दोनों सामान्य होगा तो देखा जाएगा कि दोनों उम्मीदवारों में किसी उम्र अधिक है।
इन विषयों में मिले अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट
बीई में प्रवेश के लिए देखा जाएगा कि 10+2 शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत 12वीं कक्षा में तीन प्रमुख विषयों भौतिकी, गणित और रसायन में कितने अंक मिले हैं। साथ ही वैकल्पिक विषय के रूप में किसी छात्र ने जैव प्रौद्योगिकी, बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी, इंफोर्मेटिक्स प्रेक्टिसेज, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स और बिजनेस स्टडीज में मिले अंकों को भी देखा जाएगा। डीटीई ने गाइडलाइन जारी किया है।
बॉयोटेक्नोलॉजी के लिए डीटीई का ये पैमाना तय
बी. फार्मेसी में प्रवेश के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स विषय पहली प्राथमिकता होगी। इसके अलावा बायोटेक्नोलॉजी या बायोलॉजी में मिले अंकों को भी देखा जाएगा। इसके आधार पर प्रवर्ग वार छात्रों के मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इसमें भी दो उम्मीदवारों के यदि एक समान अंक होते हैं तो ठीक बीई में प्रवेश के लिए जो नियम बनाए गए हैं, वहीं नियम इसमें भी लागू होंगे।
डिप्लोमा में प्रैक्टिकल के नं. को शामिल नहीं करेंगे
डिप्लोमा इंजीनियरिंग के कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों की 10वीं कक्षा में गणित और विज्ञान में मिले अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी। इसमें प्रैक्टिकल नंबर को अलग नहीं किया जाएगा। सभी को मिलाकर मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। इसी तरह बीसीए, कंप्यूटर साइंस या एमसीए में प्रवेश दिया जाएगा। बीसीए के लिए 12वीं और स्नातक स्तर पर गणित विषय के साथ बीएससी, बी.कॉम में मिले अंकों के आधार पर भर्ती होगी।
कॉलेजाें में एडमिशन के लिए आरक्षण रोस्टर भी
शासकीय संस्थाओं, शासकीय विश्वविद्यालय संस्थाओं एवं निजी गैर अनुदान प्राप्त तकनीकी संस्थानों के विभिन्न तकनीकी पाठयक्रमों में विशेष रूप से कमजोर जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षित सीट में से दो प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था होगी। विशेष रूप से कमजोर जनजातियों मे पहाड़ी कोरबा, बैगा, कमार, अबूझमाड़िया, बिरहोर, भुंजिया तथा पंडो जनजातियां शामिल हैं।
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