सरईया गांव के विस्थापितों ने सेल की मीन में घेराव के लिए चलाया जारहा जेसीबी मशीन को कार्य करने से रोका । वही संवेदक नीलू सिंह व सेल के खान प्रबंधक बी. पाणिग्रही को विरोध का सामना करना पड़ा विवाद को बढ़ता देख स्थानीय थाना व सीआइएसएफ को सूचना दी गई। सूचना पर थाना प्रभारी सीबी सिंह, सीआइएसएफ सब इंस्पेक्टर , सअनि अनुज सिंह ने विस्थापित ग्रामीणों को समझा बुझाकर मामला को शांत कराने की कोशिश की लेकिन विस्थापित नही माने। सेल द्वारा विस्थापित सरईया निवासी भरत साह, रामविजय साह, नागेंद्र साह, अनिल, वीरेंद्र साह, मोहन साह, अखिलेश साह, उमेश साह, नंददेव साह आदि ने सेल प्रबंधन के उपर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी जमीन को अधिग्रहित किये जाने के बावजूद सेल प्रबंधन द्वारा आज तक न तो हम सभी विस्थापित को नौकरी दी गयी, और न ही जमीन के एवज में हमलोगो को मुवावजा दिया गया ।
जब हमलोग जमीन में खेती करने लगे तो सेल प्रबंधन उक्त जमीन को सरकार को हस्तांतरित करने की बात कह खेत में लगी हुई फसल को जेसीबी मशीन से बर्बाद करते हुए खदान क्षेत्र का घेराव हेतु जगह जगह गढ़ा खोदवाया जा रहा है। खेत में जेसीबी मशीन चलाये जाने से विस्थापितों की फसल पूरी तरह से चौपट हो रही है। विस्थापितों ने मौके पर पहुंचे अधिकारीयों से कहा कि सेल प्रबंधन जब तक हमसभी विस्थापितों की हीत का ध्यान रखते हुए हमारी मांगो का पटाक्षेप करने के लिए विस्थापितों के साथ कर विचार विमर्श नही करती तब तक सेल के जमीन का घेराव नही होने देंगे। इस संबंध में सेल खान प्रबंधक बी. पानिग्रहि ने बतलाया कि सेल द्वारा अधिग्रहित भूमि सरकार को हस्तांतरित करने से पूर्व सेल प्रबंधन द्वारा खदान क्षेत्र में जान माल की सुरक्षा की दृष्टिकोण से मैप के अनुसार वैसे जगहों का घेराव किया जा रहा है, लेकिन विस्थापितों द्वारा खेत में फसल लगे होने के कारण कार्य को रोक दिया गया है. सेल के उच्चाधिकारियों एवं गढ़वा उपायुक्त के निर्देश के बाद ही कार्य को शुरू कराया जायेगा।
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