शारदीय नवरात्रि में 14 दिन ही शेष हैं और प्रशासन ने अब तक मनोकामना जोत को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है। हजारों भक्त मार्च में ही माता के दरबार में जोत की अर्जी लगा चुके हैं। वे भी अब असमंजस में हैं। ऐसे में कुछ मंदिर समितियों ने फैसला लिया है कि पूर्व में पंजीयन करा चुके भक्तों की मनोकामना जोत इस बार प्रज्जवलित की जाएगी। हालांकि, किसी को भी जोत दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
दरअसल, मार्च में चैत्र नवरात्रि से ऐन पहले लॉकडाउन लग गया था। तब तक सभी देवी मंदिरों में जोत के पंजीयन हो चुके थे। कुछ मंदिरों ने जोत की राशि लौटा दी। तो कुछ ने शारदीय नवरात्रि में भक्तों के नाम से जोत जलाने की बात कही। इनमें बंजारी धाम, महामाया और काली मंदिर जैसे शहर के बड़े मंदिर शामिल हैं। व्यवस्थापकों को उम्मीद थी कि इस नवरात्रि जोत प्रज्ज्वलन की अनुमति मिलेगी, लेकिन हाल ही में आई 29 नियमों वाली गाइडलाइन में जोत का कहीं जिक्र तक नहीं था। इसी के बाद असमंजस और बढ़ गया। जिन मंदिराें ने शारदीय नवरात्रि में जोत जलाने का वादा किया था, अब वे पूर्व में पंजीयन करा चुके भक्तों की जोत जलाने की तैयारी में जुट गए हैं। कहीं कहीं कलश भी मंगवाए जा चुके हैं। इसके अलावा मंदिरों के रंग रोगन का काम भी शुरू कर दिया गया है।
बंजारी धाम में 6 हजार जोत स्थापना की तैयारी
चैत्र नवरात्रि के लिए बंजारी धाम में 6 हजार भक्तों ने पंजीयन करवाया था। लॉकडाउन के बाद मंदिर समिति ने भक्तों से कहा था कि उनकी जोत अक्टूबर की शारदीय नवरात्रि में प्रज्जवलित की जाएगी। अपने वादे के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष हरीश भाई जोशी ने बताया कि 6 हजार जोत कलश मंगवाए जा चुके हैं। बाती और तेल भी मंगवाया जा चुका है। सेवादारी करने वालों के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग बने रहे, इसे ध्यान में रखते हुए आधे जोत नीचे वाले मंदिर और आधे ऊपर वाले मंदिर में
जलाए जाएंगे।
काली मंदिर में पंजीयन शुरू, इस बार 21 सौ जोत जलेंगे
आकाशवाणी चौक स्थित काली मंदिर में हर साल 4 हजार के करीब मनोकामना जोत प्रज्जवलित किए जाते हैं। मंदिर ट्रस्ट ने मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद भक्तों को जोत की राशि लौटा दी थी। सचिव डीके दुबे ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के लिए 16 अक्टूबर तक जोत के पंजीयन होंगे। अब तक 100 भक्तों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। उन्होंने बताया कि जितने ज्यादा जोत कलश जलते हैं, उतने ज्यादा सेवादारों की भी जरूरत पड़ती है। इतने ही सेवादार लगें जिससे फिजिकल डिस्टेंसिंग बनी रहे, इसी को ध्यान में रखते ट्रस्ट ने इस बार 21 सौ जोत प्रज्जवलित करने का निर्णय लिया है।
महामाया की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं
शारदीय नवरात्रि पर शहर में सबसे ज्यादा पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर में करीब 11 हजार जोत जलाए जाते हैं। चैत्र नवरात्रि के लिए भी यहां करीब 6 हजार भक्तों ने पंजीयन कराया था। तब मंदिर ट्रस्ट ने शारदीय नवरात्रि में जोत जलाने की बात कही थी, लेकिन प्रशासन द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं करने की वजह से अब तक मंदिर में तैयारी शुरू नहीं हुई है। हालांकि, एक-दो दिन में होने वाली मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की चर्चा में यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस नवरात्रि मां महामाया के दरबार में जोत जगमगाएंगे या चैत्र नवरात्रि की ही तरह कोरोना का संकट बना रहेगा।
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