पुरातन परंपरा एवं संस्कृति को अक्षण्य बनाए रखने में मांझी, चालकियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनके सहयोग से क्षेत्र का विकास करने मे काफी मदद मिलेगी। जब भी जरूरत हो इनका सहयोग लेकर गांवों का विकास किया जाए। ये बातें सोमवार को कलेक्टर रजत बंसल ने बस्तर दशहरा के सफल आयोजन को लेकर हुई बैठक में कही।
प्रेरणा कक्ष में हुई बैठक में कलेक्टर ने मांझी, चालकियों की बैठक लेकर उनके क्षेत्र के विकास कार्यों एवं समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने सभी मांझी, चालकियों को अपने लोगों के विकास के लिए उन्हें निरंतर प्रेरित करने की अपील भी की। कलेक्टर ने मांझी, चालकियों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने तथा उन्हें पात्रतानुसार वनाधिकार पत्र देने के लिए योजना पर काम करने की बात कही। बंसल ने सभी मांझी, चालकियों को वर्षों से चली आ रही परम्परा एवं कर्तव्यों के निर्वाह करने के साथ-साथ आदिवासियों एवं अपने क्षेत्र के विकास के लिए आम जनता एवं प्रशासन के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करने कहा। इस दौरान जिपं सीईओ इन्द्रजीत चन्द्रवाल सहित संभाग के सभी परगनाओं के मांझी, चालकी, मेंबर के साथ ही बैठक में हल्बी भाषा के भाषा संकाय प्रमुख शिवनारायण पांडे मौजूद थे।
मुख्यमंत्री कल मांझी और चालकियों से करेंगे बात
कलेक्टर ने बस्तर दशहरा के सफल आयोजन को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। कहा कि इस कोरोना काल में बस्तर दशहरा की सभी रस्मों को परम्परागत रिति-रिवाजों के अनुसार संपन्न किया गया। इसमें बस्तर संभाग के सभी मांझी, चालकियों के अलावा अन्य लोगों ने अपना योगदान दिया है। कलेक्टर ने कहा जनपद पंचायतों के प्रतिनिधि के रूप में मांझी, चालकियों की नियुक्ति भी की जाएगी। तहसील कार्यालय उनके लिए भवन का निर्माण किया जाएगा। बंसल ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मांझी, चालकियों की हाल-चाल जानने के लिए 28 अक्टूबर को उनसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे।
कुपोषण को बताया विकास में बाधा
कलेक्टर ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा बस्तर के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रहे, इसके लिए आमचो बस्तर रेडियो एवं पढ़ई तुंहर दुआर जैसे माध्यमों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया। इसका फायदा बच्चों को मिल रहा है, लेकिन इस जिले के विकास में सबसे बड़ी बाधा कुपोषण है। इसे दूर करने के लिए की जा रही तमाम कवायदों के बाद यह एक समस्या बन गई है। आने वाले दिनों में इसे दूर करने की पूरी कोशिश की जाएगी। कलेेक्टर ने कहा कि वे स्वंय लोगों की वास्तविक समस्याओं को जानने व समझने के लिए सुदूर वनांचल के गांव में जाकर वहां पर रात रुककर जानकारी ले रहे हैं। इसका फायदा आने वाले दिनो में लोगों को मिलेगा।
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