रसोई घर, होटलों और ढाबों से प्याज का तड़का गायब हो चुका है। प्याज के दामों में आई अचानक उछाल से ग्राहक भी चिंतित हैं। ऐसे में प्याज की कालाबाजारी करने वालों और जमाखोरों पर कार्रवाई के लिए आने वाले दिनों में धड़ाधड़ छापेमारी शुरू हो जाएगी। यह कार्रवाई संभाग मुख्यालय के साथ ही ब्लॉक स्तर पर भी होगी। जहां खाद्य विभाग के अधिकारी गोदामों, दुकानों में जाकर हर दिन होने वाली खपत और मौजूद स्टाक की जानकारी लेंगे।
जानकारी के मुताबिक प्याज का दाम 80 रुपए हो चुका है। प्रदेश सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए और जमाखोरी पर लगाम लगाने स्टॉक लिमिट तय की है। इसके तहत थोक विक्रेता 250 क्विंटल और चिल्हर दुकानदार 100 क्विंटल प्याज रख सकता है। इससे अधिक रखने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। खाद्य नियंत्रक वीरेंद्र देवांगन ने बताया यह काम जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए करीब चार सदस्यीय टीम बनाई जाएगी। अब जिले में कोई भी थोक विक्रेता 5 प्रतिशत जबकि चिल्हर दुकानदार 24 प्रतिशत तक मार्जिन ही ले सकते हैं। चिल्हर विक्रेताओं के लिए तय मार्जिन में ढुलाई, वेस्टेज और अन्य दूसरे शुल्क जोड़े गए हैं। इससे अधिक कहीं भी कोई वसूल करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इस समय जिले में थोक में प्याज 65 तो चिल्हर में 80 रुपए किलो में बिक रही है। करीब सालभर पहले जांच में कुछ दुकानदार लाइसेंस रिनुवल के बिना ही प्याज बेच रहे थे।
कम मात्रा प्याज खरीद रहे लोग
प्याज के बढ़ते दामों के बीच खाद्य विभाग ने लोगों काे थोक दुकानों से कम दाम पर प्याज खरीदने की सुविधा दी है। इसके बावजूद लोगों ने थोक की जगह चिल्हर बाजार में ज्यादा प्याज खरीदी। लालबाग इलाके में मैदान के अंदर लग रही सब्जी की दुकान में प्याज खरीद रहे लोगों ने बताया कि थोक में कम से कम 5 किलो खरीदने की मजबूरी है जबकि चिल्हर में हम अपनी मर्जी से प्याज खरीद सकते हैं। महंगा होने के बावजूद यही ठीक है लोगों ने मांग की थोक दुकानों में 5 किलो से कम प्याज खरीदने की व्यवस्था की जाए।
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