नगरनार इस्पात संयंत्र के डीमर्जर और निजीकरण के विरोध में मजदूर संगठनों ने साेमवार को अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। मजदूर संगठनों ने ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के साथ एनएमडीसी मुख्यालय हैदराबाद में भी प्रदर्शन करते हुए घेराव किया था।
अब नगरनार इस्पात संयंत्र के प्रवेशद्वार पर मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने मामले का विरोध करते हुए तब तक अपना अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखने की बात कही है, जब तक संयंत्र के डीमर्जर और निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक नहीं लग जाती।
केंद्र सरकार पर निजी हाथों को बेचने का आरोप
नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से डीमर्जर यानि अलग करने को लेकर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक रूप से अपनी मंजूरी दे दी है। मजदूर संगठनों का आरोप है कि नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से अलग कर इसे निजी हाथों में बेचने की फिराक में केंद्र सरकार और एनएमडीसी दोनों हैं।
हर रोज 4-4 पदाधिकारी और सदस्य बैठेंगे धरने पर
इधर सोमवार को धरने पर बैठे संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन के अध्यक्ष संतराम सेठिया, सचिव महेंद्र जॉन, स्टील श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष प्रभुलाल बघेल, सचिव जितेंद्र नाथ ने बताया यहां रोज 4-4 पदाधिकारी और सदस्य धरने पर बैठेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग रखा जाएगा।
सुको में याचिका दायर करने की तैयारी में कांग्रेस
इधर नगरनार इस्पात संयंत्र के डीमर्जर और निजीकरण के विरोध में कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में है। कांग्रेसी नेताओं ने कहा है कि बस्तर और बस्तर के लोगों के साथ धोखा किया गया है। इसके चलते इस पर हो रहे मजदूर संगठनों के विरोध का समर्थन कांग्रेस ने किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए डीमर्जर और निजीकरण पर रोक लगाने की मांग करते अब अदालत की शरण लेने की तैयारी की जा रही है। अब अनिश्चितकालीन धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
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