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Monday, October 26, 2020

प्याज की कालाबाजारी की आशंका के बाद थोक दुकानदारों के यहां जांच ही नहीं हुई

जिले में महाराष्ट्र से आ रही प्याज इन दिनों बस्तर जिले में 80 रुपए किलो में बिक रही है। आने वाले दिनों में इसकी कीमत और बढ़ने की बात व्यापारियों द्वारा कही जा रही है। हर दिन बढ़ रहे रेट पर नियंत्रण पाने के लिए अब तक कोई कवायद जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई है।
सोमवार को उम्मीद की जा रही थी कि खाद्य विभाग के अधिकारी अन्य विभागों के अधिकारियों का सहयोग लेकर जांच करेंगे, लेकिन देर शाम तक यह नहीं हो सका। जांच नहीं होने से जहां चिल्हर में प्याज 80 रुपए किलो बिकी तो वहीं थोक में यह 70 रुपए किलाे तक बिकी। बढ़े हुए रेट के चलते अधिकतर लोगों ने कम प्याज खरीदने की बात कही। लालबाग में सब्जी खरीदने पहुंचे कई लोगों ने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरुआात में प्याज की कीमत 30- 40 रुपए प्रतिकिलो थी, करीब एक महीने से प्याज के दाम में बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले दिनों में यह 100 रुपए तक बिक सकती है।
खाद्य नियंत्रक वीरेंद्र देवांगन ने बताया कि प्याज की कीमत को लेकर शासन स्तर से नजर रखने का आदेश है। मैंने एक दिन पूर्व ही जिले के सभी फूड इंस्पेक्टर को शहर के बड़े प्याज कारोबारियों के स्टॉक की जांच के साथ होलसेल और फुटकर रेट का आकस्मिक जांच करने के लिए कहा है। कहीं से भी जमाखोरी की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी।

पर्याप्त प्याज नहीं पहुंच रही इसलिए बढ़ गई कीमत
लालबाग इलाके में प्याज बेच रहे व्यापारियों ने कहा कि प्याज के दाम में गिरावट आने की बजाय और बढ़ेगी। इसके चलते प्याज का भंडारण किया जा रहा है। खपत अधिक होने और बाजार में प्याज की उपलब्धता कम होने के कारण दर में एकाएक बढ़ोतरी हो गई है। थोक सब्जी व्यवसायी भी अब प्याज मंगाने से परहेज कर रहे हैं। ऑर्डर देने के बाद भी यहां पर्याप्त मात्रा में प्याज नहीं पहुंच रहा है इस कारण बाजार में कीमत बढ़ गई है। पिछले कुछ सालों से प्याज की कीमत में स्थिरता थी, किंतु वर्षों बाद प्याज की कीमत बढ़ी है।



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