जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से जनजातीय वर्गों के कल्याण के लिए दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की। इस अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर भी उपस्थित थे। वेबिनार के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुंडा ने कहा कि इस नई योजना के तहत पंचायती राज संस्थाओं का संस्थागत विकास कैसे हो, इन सारे विषयों को ध्यान में रखा गया है।
इस योजना के तहत झारखंड के 5 जिलों सरायकेला, पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी और गुमला जिलों के 30 ग्राम पंचायतों और 171 गांवों में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे, ताकि इन संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को जनजातीय कानूनों और नियमों के बारे में जागरूक बनाया जा सके। इसका उद्देश्य ऐसे युवकों को उनके कल्याण की विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे इन योजनाओं का लाभ ले सकें। मुंडा ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग को हम वास्तविक रूप से कैसे समझें, इसके लिए श्रीश्री रविशंकर पूरे विश्व में अभियान चला रहे हैं।
जनजातीय समाज पर्यावरण के प्रति बहुत जागरूक : श्रीश्री
श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि जनजातीय समुदाय से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। वे पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति बहुत जागरूक हैं। उनकी संस्कृति और परंपरा को यथावत रखते हुए उन्हें आधुनिक शिक्षा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनजातियों, किसानों और निचले तबके के लोगों के लिए केंद्र सरकार ने बहुत अच्छी योजनाएं बनायी हैं। कार्यक्रम में राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता, मंत्रालय के सचिव दीपक खंडूकर आदि थे।
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