प्रदेश सरकार ने जिले में तीन नए धान खरीदी केंद्र की घोषणा की है जबकि मांग व प्रस्ताव जिले से 14 खरीदी केंद्रों का गया था। पुर्नगठित समिति की जरूरत के आधार पर मांग की गई थी लेकिन जारी सूची में चौंकाने वाली बात यह है कि सरकार ने जिले में जिन तीन नए केंद्रों की घोषणा की है उसमें परतापुर व ठेमा का प्रस्ताव व मांग सूची में शामिल ही नहीं थे। फिर भी इन्हें नया खरीदी केंद्र बनाया गया है। इसे लेकर स्थानीय स्तर पर किसानों के साथ अधिकारी भी अचरज में हैं।
खाद्य विभाग व सहकारी समिति की ओर से जिले से पुर्नगठित नवीन समिति के तहत 8 खरीदी केंद्र कांकेर विकासखंड के तहत मरकाटोला व इच्छापुर, चारामा के शहवाड़ा, अंतागढ़ के पोटगांव, भैंसासुर, सरंडी, कोयलीबेड़ा के चारगांव तथा दुर्गूकोंदल के कोदापाखा में मांग की गई थी। इसके अलावा किसानों की ओर से बार बार की जा रही मांग को देखते विभाग ने जिले में अन्य 6 नए खरीदी केंद्र कोयलीबेड़ा के रेंगावाही, चारामा के उडक़ुड़ा व कांटागांव, दुर्गूकोंदल के गुमड़ीडीह तथा भानुप्रतापपुर के कनेचुर का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन इनमें से सिर्फ नए खरीदी केंद्र के लिए चारामा के कांटागांव को ही शामिल किया गया है। जबकि सूची से गायब परतापपुर व ठेमा को भी नया खरीदी केंद्र बनाया गया है।
जिन गांव के किसान लंबे समय से अपने निकट के गांव में खरीदी केंद्र की मांग कर रहे थे वे अब सरकार की ओर से जारी सूची को देख ठगा सा महसूस कर रहे हैं। दूसरी ओर विभाग अब भी सरकार से उम्मीद लगाए बैठा है कि खरीदी शुरू होने के पहले तक पुर्नगठित नवीन समिति में नए खरीदी केंद्र की शुरुआत कर सकती है।
नए केंद्र बनाने के ये हैं नियम : नए केंद्र बनाने के लिए सरकार के नियम के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में यदि केंद्र से 10 किमी से अधिक दूरी से किसान पहुंच रहे हैं तब या फिर किसी केंद्र में 25 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा रही है तब नए केंद्र बनाए जाते हैं।
जिले में 116 खरीदी केंद्र और 70 समितियां
तीन नए खरीदी केंद्र के साथ अब जिले में कुल 116 केंद्र हो गए हैं। पिछले सत्र तक जिले में 113 केंद्र थे। समिति की संख्या इस सत्र में 70 हो चुकी है। 35 समिति पूर्व से थी। इस सत्र में 35 समितियों का पुनर्गठन किया गया है। पुनर्गठित समितियों में 27 समिति के पास खरीदी केंद्र हैं जबकि 8 समिति के पास खरीदी केंद्र नहीं हैं। नियमानुसार समिति के पास खरीदी केंद्र होना अनिवार्य है। इसी के चलते अंतिम समय तक यहां नए केंद्र खोलने की उम्मीद है।
3 नए केंद्र से 26 गांव के किसानों को मिलेगी राहत
हालांकि परतापपुर व ठेमा को नया खरीदी केंद्र बनाने से इस इलाके के किसानों को काफी राहत मिलेगी। कोयलीबेड़ा विकासखंड के वारदा संगम खरीदी केंद्र के अंतर्गत आने वाले परतापपुर को अलग बनाने से यहां पांच गांव के 458 किसानों को राहत मिलेगी। परतापुर से बारदा केंद्र की दूरी 6 किमी थी व उसके अन्य गांव की 12 किमी। वहीं नरहरपुर के सरोना खरीदी केंद्र के अंतर्गत आने वाले ठेमा को अलग केंद्र बनाने से 18 गांव के किसानों को राहत मिलेगी। सरोना व ठेमा के बीच की दूरी 9 किमी है।
जानें कहां कितने किसानों ने कराया पंजीयन
- ब्लाक - पंजीकृत किसान
- कोयलीबेड़ा - 21684
- चारामा - 14918
- नरहरपुर - 13764
- भानुप्रतापपुर - 10822
- कांकेर - 10274
- अंतागढ़ - 5870
- दुर्गूकोंदल - 4474
35 लाख बारदाने पहुंचे मशीनों की हो रही मरम्मत
जिले में 1 दिसंबर से धान खरीदी की तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। जिले में कुल 28 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है। इसके लिए 70 लाख बारदानों की जरूरत होगी। इसमें 35 लाख बारदान पहुंच चुका है। जिसे अन्य केंद्रों में पहुंचाया जा रहा है। खरीदी शुरू होने के साथ ही अन्य बारदाना भी मुहैया करा दिया जाएगा। साथ ही केंद्रों में तौल व नमी मापक मशीनों की भी जांच की जा रही है। जहां मशीन खराब हैं उसकी मरम्मत की जा रही है। जिले में कुल 81806 किसानों ने पंजीयन कराया है।
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