जिले मेें दूसरे राज्यों से धान की आवक रोकने के लिए जिला प्रशासन ने 12 चेक प्वाइंट बनाए हैं, पर दूसरे राज्यों को जोड़ने वाले कुछ रास्ते ऐसे भी हैं, जहां से वाहनों का आनाजाना लगा रहता है पर इसमें कोई बैरियर नहीं है। इन रास्तों से धान छत्तीसगढ़ लाया जा सकता है। इन रास्तों पर प्रशासन का ध्यान अब तक नहीं गया है। प्रदेश में किसानों को धान का समर्थन मूल्य के अलावा न्याय योजना में अलग से राशि दी जाती है। किसानों से मोटे धान 1868 रुपए व पतले धान 1888 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जाता है पर न्याय योजना में मिलने वाले बोनस को मिलाकर राज्य में धान का मूल्य 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल हो जाती है। यह राशि आसपास के राज्यों से ज्यादा है। 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है और सबसे बड़ी चिंता दूसरे राज्यों से आने वाली धान की आवक को रोकना है। वहां केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार समर्थन मूल्य पर ही खरीदा जा रहा है। झारखंड सरकार धान खरीदी में समर्थन मूल्य के अलावा 300 रुपए बोनस देते हुए 2100 रुपए प्रति क्विंटल किसानों को भुगतान करेगी। ओडिशा में धान बेचने पर किसानों को सिर्फ समर्थन मूल्य मिलेगा।इसी वजह से दूसरे राज्यों से धान आने की आशंका है।
झारखंड बाॅर्डर... कमलपुर भुड़केला मार्ग पर नाकेबंदी नहीं
भुड़केला होकर झारखंड के कमलपुर जाने वाली सड़क पर किसी भी तरह की कोई चेकिंग प्वाइंट नहीं बनाई गई है। इस रास्ते पर अब लावा नदी में पुल का निर्माण हो गया है। चार पहिया गाड़ियां व 407 ट्रकों के अलावा ट्रैक्टरों को आसानी से इस रास्ते से आना-जाना होता है। अधिकांश लोग झारखंड जाने के लिए शार्टकट रास्ते के रूप में इसका उपयोग करते हैं। इस रास्ते पर लावा नदी पुल बार्डर से लेकर जशपुर शहर तक कहीं कोई नाकेबंदी नहीं है। लावा नदी पुल को पार कर ट्रैक्टर व पिकअप वाहन में भरकर वाहनों को कच्चे रास्ते से भुड़केला होते हुए गम्हरिया की मंडी में आसानी से लाया जा सकता है। बार्डर पार करने के बाद सिर्फ डेढ़ किलोमीटर कच्चा रास्ता मिलेगा और भुड़केला स्कूल के बाजू से पीएमजीएसवाई की पक्की सड़क मिल जाती है।
ओडिशा बाॅर्डर... टिनकीबंध चौक पर नहीं लगाया बैरियर
ओडिशा जाने वाले रास्ते पर टिनकीबंध चौक में धान की आवक रोकने के लिए किसी भी तरह की चेकिंग प्वाइंट नहीं है। यह पीएमजीएसवाई की रोड है। छत्तीसगढ़ में बाॅर्डर की सीमा से ही सड़क पक्की है पर ओडिशा की तरफ सड़क कच्ची है। इस रास्ते से छत्तीसगढ़ में धान लाया जाता है तो वाहन को बार्डर पार कर पेरवाआरा होते हुए कोरंगामाल निकलेगा। कोरंगामाल से कोनपारा की मंडी में आसानी से धान पहुंचा सकते हंै।
केंदूडीह चौक पर चेकिंग पाइंट नहीं
इसी तरह ओडिशा बाॅर्डर पर केंदूडीह चौक के पास चेकिंग प्वाइंट नहीं होने से भी ओडिशा से धान की आवक होने की आशंका बढ़ी हुई है। प्रशासन द्वारा सागजोर में चेकिंग प्वाइंट खोला है। केंदूडीह चौक के छत्तीसगढ़ प्रवेश करने पर एक चौराहे से दो रास्ते निकले हैं। एक रास्ता सागजोर होते हुए कोनपारा की मंडी की ओर निकला है। सागजाेर में चेकिंग प्वाइंट है, पर चौराहे के दूसरे मोड़ से निकला रास्ता कोरंगामाल निकला है। कोरंगामाल होते हुए कोनपारा मंडी पहुंचा जा सकता है और इस रास्ते पर चेकिंग प्वाइंट कहीं भी नहीं है।
चेकिंग प्वाइंट के अलावा उड़नदस्ता दल भी
"दूसरे राज्यों से धान की आवक रोकने के लिए बनाए गए चेकिंग प्वाइंट के अलावा उड़नदस्ता दल भी सक्रिय हैं। एक नया चेकिंग प्वाइंटर बनाया गया है और अब जिले में 13 चेकिंग प्वाइंट खुल चुके हैं।''
-जीएस कंवर, खाद्य अधिकारी।
आवश्यकता पड़ी तो और बनाए जाएंगे प्वाइंट
"झारखंड जाने वाली लगभग सभी सड़कों पर चेकिंग प्वाइंट बनाया गया है। यदि आवश्यकता पड़ी तो और चेकिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। भुड़केला वाले रास्ते की भी जांच कर ली जाएगी।''
-दशरथ सिंह राजपूत, एसडीएम, जशपुर।
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