बैंकमाेड़ के चार व्यवसायियाें से पीएलएफअाई के नाम पर वीडियाे काॅलिंग और पीएलएफआई के पैड पर मैसेज भेजने वाले की पहचान कर ली गई है। पुलिस ने उसकी पहचान पीएलएफआई सुप्रीमाे दिनेश गाेप का खास अवधेश जयसवाल उर्फ चूहा के रूप में की है। पुलिस का कहना है कि उसका काम व्यवसायियाें में दहशत फैलाना है। अवधेश उर्फ चूहा राज्य के अलग-अलग जिलाें में व्यवसायियाें काे ऐसे ही मैसेज और काॅल कर रंगदारी की मांग करता है। माना जा रहा है कि दिनेश गाेप के इशारे पर वह यह काम करता है। जानकारी के मुताबिक पीएलएफआई का प्रेम गाेप का कनेक्शन जमशेदपुर घाघीडीह जेल में बंद सुजीत सिन्हा गिराेह से है। गिराेह के लाेगाें का इस्तेमाल वह इसमें कर रहा है।
पिछले छह माह से चूहा काफी सक्रिय है। रांची, रामगढ़ व अन्य जिलाें में पुलिस पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगने वाले कई अपराधियाें पकड़े गए हैं। पकड़े गए अपराधियाें ने अपने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि वे रंगदारी की मांग चूहा के कहने पर करते हैं। पुलिस काे पहले किसी शरारती तत्व के द्वारा व्यवसायियाें काे फाेन और मैसेज भेजकर रंगदारी मांगे जाने का संदेह था, लेकिन जांच में यह बात सामने आ रही है कि फाेन करने वाला पीएलएफआई से जुड़ा हुआ है। धनबाद पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि पीएलएफआई तक धनबाद के कारोबारियों का मोबाइल नंबर और उनका डिटेल कैसे पहुंचा? पीएलएफआई का लोकल लिंक जानने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस मामले को लेकर सतर्क है और गंभीरता से इसकी जांच में जुटी है। ज्ञात हो कि चूहा ने कुछ इसी अंदाज में रांची के कारोबारियों से रंगदारी मांगी थी। धनबाद पुिलस इस ममले में रांची पुलिस के संपर्क में है। रांची पुलिस से जांच मे मदद मांगी गई है। रांची और धनबाद पुलिस जांच के तथ्य आपस में शेयर कर रहे हैं। पुलिस के वरीय अधिकारी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। संदिग्ध की सूची बनाई जा रही है।
एके 47 से लैस दाे उग्रवादियाें की सुरक्षा में रहता है अवधेश
अवधेश उर्फ चूहा के बारे में बताया जा रहा है कि वह ज्यादतर समय दिनेश गाेप के साथ रहता है। उसकी सुरक्षा में एके 47 से लैस दाे उग्रवादी रहते हैं। वह सिर्फ राज्य के कारोबारियों को टारगेट करता है। कारोबारियों से रंगदारी मांगना और वसूलना ही चूहा का काम है।
लालच देकर बेरोजगारों से लेता है बड़े कारोबारियों का डिटेल
जानकारी के मुताबिक अवधेश बेराेजगाराें काे पैसे का लालच देकर उनसे कारोबारियों का डिटेल मांगता है। बेरोजगार पैसे की लालच में आकर शहर के कारोबारियों का मोबाइल नंबर चूहा तक पहुंचाते हैं। जब क्षेत्र के नामी गिरामी व्यवसायियाें का माेबाइल नंबर चूहा को मिल जाता है तो वह उन्हें फोन कर रंगदारी की मांग करता है।
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