राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अब बारदाने की कमी किसानों के लिए परेशानी का कारण बनने लगी है। मांग के अनुसार बारदाना नहीं मिलने से किसान धान बेचे बगैर वापस हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को बस्तर ब्लाॅक के लामकेर धान खरीदी केंद्र करीब 35 किसान धान बेचने के लिए पहुंचे थे। इसमें से कुछ किसानों काे बारदान मिला, लेकिन 20 किसानों के धान को खरीदने के लिए इस केंद्र में बारदाने ही नहीं बचे। बारदाने की कमी से निजात पाने के लिए किसान बार- बार खरीदी प्रभारी और आपरेटर से बारदाने की मांग करते रहे, लेकिन किसानों को बारदाना नहीं मिला। इसके चलते किसान नाराज होकर
वापस लौट गए।
किसानों ने कहा कि अभी से बारदाने की कमी होने लगी है। अचानक बारदाने की कमी होने से आने वाले दिनों में धान बेचना महंगा होगा। लामकेर, बड़े चकवा, पराली, भोन्ड क्षेत्र से धान बेचने पहुंचे किसान सुखदास कश्यप, पूरन यादव, जानकी कश्यप, मंगल बघेल, चेरगू कश्यप, नरसिंह कश्यप, बोलो कश्यप, बलदेव बघेल व अन्य दर्जनों किसानों ने बताया कि खरीदी प्रभारी मुन्नाराम कश्यप द्वारा केन्द्र में बारदाना नहीं होने की बात कहकर अपने पास से बोरा जमा करने को कहा जा रहा है। किसानों ने बताया कि बारदाना नहीं लाने पर धान नहीं खरीदने की बात कही जा रही है।
खरीदी प्रभारी मुन्नाराम कश्यप ने बताया कि केंद्र में बारदाने की कमी है, जिसके कारण उच्च अधिकारियों द्वारा बोरा किसानों से मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं। कश्यप ने कहा कि धान के उठाव की समस्या बढ़ती जा रही है। अभी तक बफर लिमिट से ज्यादा धान खरीदी की जा चुकी है। चबूतरा निर्माण भी अधूरा है, जिसके चलते जगह की कमी भी बनी हुई है।
मांग बढ़ने से बारदाने के दाम व्यापारियाें ने बढ़ाए
बारदारने की कमी से निजात पाने के लिए सरकार ने इस साल किसानों द्वारा लाए गए बारदाने में ही धान की खरीदी करने की बात कही है, जो किसानों के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है। किसानों ने कहा कि सरकार हमारे द्वारा दिए गए बारदाने का केवल 15 रुपए देगी, जबकि हमें बाजार में इस समय एक बारदाना 30- 40 रुपए में खरीदना पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि जूट के बारदाने की बढ़ती मांग के चलते कोचिए और व्यापारियों ने बारदाने का दाम बढ़ा दिया है, जिसे हमें मजबूरी में खरीदना पड़ेगा।
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