11 सालों में इस बार दिसंबर पांचवीं बार गर्म रहा। यानी ज्यादातर दिन ठंड महसूस नहीं हुई। केवल एक बार 20 दिसंबर को रात का पारा 7.8 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। यह सामान्य से चार डिग्री कम था। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार दिसंबर में पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा थे, जिनके असर से खाड़ी में सिस्टम बनते रहे और नमी आती रही। इसलिए पूरे छत्तीसगढ़ में तापमान में ज्यादा कमी नहीं आई। पिछले 11 वर्षों में ऐसा पाचवीं बार हुआ जब पारा 7.8 डिग्री या उससे ज्यादा था।
2017 में 26 दिसंबर को 9.1 डिग्री, 18 दिसंबर 2016 को 8.2 डिग्री, 26 दिसंबर 2015 को 7.8 डिग्री, 13 दिसंबर 2013 को 8.6 डिग्री रिकार्ड हुआ था। 29 दिसंबर 2019 में 6.5 डिग्री, 30 दिसंबर 2018 में 7.2 डिग्री, 27 दिसंबर 2014 में 7.3 डिग्री, 28 दिसंबर 2012 में 7.7 डिग्री, 22 दिसंबर 2011 में 7.7 डिग्री तो 21 व 22 दिसंबर 2010 को 6.6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ। नवंबर के पहले सप्ताह में तापमान 15 डिग्री तक आने के बाद जम्मू-कश्मीर में पश्चिम विक्षोभ आ गया।
इसके कारण उत्तर भारत से ठंडी हवा प्रदेश में नहीं आ पाई और ठंड रूक गई। 23 नवंबर को अरब सागर में गति तूफान आया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं था। 25 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में निवार महातूफान पुडुचेरी तट से टकराया था। इसके कारण बिलासपुर में हल्की बारिश हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार इस बार लगातार सिस्टम बनने के कारण ठंड में कुछ कमी आई। शनिवार को न्यूनतम तापमान 13.4 तो अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।
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