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Friday, January 1, 2021

बस्तर के 14 हजार किसानों ने बेच दिया लक्ष्य का 50 फीसदी धान

इस साल मानसून की मेहरबानी और 2500 रुपए में खरीदे जाने वाले धान को लेकर किसान खुश हैं। बारदाने की कमी के बाद भी बस्तर जिले के किसानों ने धान की खरीदी के लिए मिले लक्ष्य का 50 फीसदी धान बेच दिया है। समय पर पैसा मिलने से कई किसान जहां अब रबी की खेती में जुट गए हैं तो वहीं पुराने कर्ज को पटाने के साथ ही बेटियों की शादी करने की योजना बना रहे हैं।
ज्ञात हो कि इस साल मानसून की मेहरबानी से धान की बंपर उपज होने के कारण किसानों के चेहरे पर चमक थी, लेकिन वे धाने के समय रहते नहीं बिकने को लेकर परेशान थे। लेकिन जिले में 28 नवंबर से कटने वाले टोकन के चलते अब तक बिना किसी परेशानी के धान बेच रहे हैं। खलिहान से धान घर लाने के बाद और बिक्री में सरकारी सिस्टम का सपोर्ट मिलने से किसानों के चेहर खिल गए हैं। लॉकडाउन जैसे विषम हालात में किसानों ने कई सपनों को संजोकर धान की खेती की थी। किसी को बेटी की डोली उठाने में धान से मदद की आस थी तो किसी को अपना रोजगार बढ़ाने में। किसी को बीमारी से लड़ने में तो किसी को कर्ज से मुक्ति की आस थी। हर बार दगा देनेवाला मानसून ने इस बार किसानों को भरपूर साथ दिया। इसके अलावा सरकार और सरकारी सिस्टम से किसान खुश हैं। गौरतलब है कि इस साल बस्तर जिले में 12 लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य मिला है जिसमें से अब तक जिले के 14 हजार 165 किसानों ने 6 लाख क्विंटल धान बेच दिया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ आर ए खान ने कहा कि बस्तर जिले के लिए धान खरीदी का जो लक्ष्य रखा गया है वह आसानी से पूरा हो जाएगा। अब तक बस्तर जिले के किसानों ने 6 लाख 35 हजार क्विंटल धान बेच दिया है। किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी नहीं हो इसका ख्याल रखा जा रहा है।

बेटे की शादी में अब होगी आसानी, कर्ज भी पटा दिया है
घाट पदमूर के रहने वाले किसान जानकीराम ने कहा कि हमें लड़के की शादी करनी है। गेंहूू व अन्य फसलों की भी बोआई जरूरी है। जो जमा पूंजी थी वह धान की रोपाई एवं लॉकडाउन में खर्च हो गये अब धान बिक गया है। जिसके चलते इन दोनों कामों को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं दूसर ओर उमेश कुमार ने कहा कि इस साल खेती किसानी के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और रिश्तेदारों से कर्ज लिया था। जिसे धान बेचने के बाद पटा दिया गया है। इधर दिनेश कुमार ने कहा कि धान बेचने के बाद मिलने वाले पैसे से वे आने वाले दिनों में बोर कराकर धान के साथ ही अन्य फसलों की खेती करेंगे।

बैठक में कलेक्टर ने कहा-किसानों को धान बेचने में नहीं होगी कोई परेशानी
31 जनवरी तक समर्थन मूल्य में होने वाली धान की खरीदी में किसी प्रकार की कोई परेशानी किसानों को नहीं होगी। यह बात गुरूवार को कलेक्टर रजत बंसल ने गुरुवार को समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अब तक जिले में निर्धारित धान खरीदी लक्ष्य के विरूद्ध में लगभग 50 प्रतिशत धान खरीदी कर लिया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि धान खरीदी में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी एसडीएम को मंडियों का भौतिक सत्यापन करते हुए कोचियों पर आवश्यक कार्रवाई करने कहा। बंसल ने निर्देश दिए कि कोई भी किसान धान खरीदी केंद्र से बिना धान की बिक्री किए वापस नहीं जाएगा। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। धान खरीदी केंद्रों में बारदाना की व्यवस्था प्रतिदिन धान खरीदी करने से पहले निर्धारित मात्रा में उपलब्ध कराया जाए और यह रोटेशन प्रतिदिन जारी रखें। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी का दायित्व होगा कि वे सभी धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएंगे।



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