कांकेर वनमंडल अंतर्गत चारामा एवं नरहरपुर परिक्षेत्र में हाथियों द्वारा 86.701 हेक्टेयर क्षेत्र में 288 किसानों की फसल हानि एवं 13 व्यक्तियों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इन प्रभावितों को 26 लाख 3 हजार 75 रुपए का मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है।
हाथियों द्वारा नरहरपुर परिक्षेत्र के 105 किसानों के 23.989 हेक्टेयर एवं चारामा परिक्षेत्र के 183 किसानों के 62.712 हेक्टेयर फसल का नुकसान पहुंचाया गया। इसके एवज में किसानों को 25 लाख 41 हजार 975 रुपए व नरहरपुर परिक्षेत्र के 7 व्यक्ति एवं चारामा परिक्षेत्र के 6 व्यक्तियों के संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इसके एवज में उन्हें 61 हजार 100 रुपए का भुगतान किया गया।
जानिए... हाथियों ने कब कहां नुकसान पहुंचाया
वनमंडलाधिकारी अरविंद पीएम ने बताया कांकेर वनमंडल अंतर्गत वर्ष 2019 के मई माह में 2 हाथियों का प्रथम आगमन हुआ था, जो सीतानदी की ओर से परिक्षेत्र सरोना अंतर्गत ग्राम दुधावा, कोटलभट्टी से सांईमुंडा, रावस, पुसवाड़ा, मोहपुर, व्यास कोंगेरा होते हुए कुलगांव बीट के लुलेगोंदी तथा जिवलामारी में घूमते हुए 25 मई को पूर्व भानुप्रतापपुर वनमंडल के आमाबेड़ा क्षेत्र की ओर चले गए थे। इस दौरान हाथियों द्वारा कांकेर वनमंडल में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया गया। वर्ष 2020 में धमतरी वनमंडल के जंगलों से गुजरते हुए 14 जून से 21 जून तक चंदा हाथी के साथ 22-23 हाथियों का दल परिक्षेत्र नरहरपुर के ग्राम मरादेव, बदबनी, मुरूमतरा, मारवाड़ी, बागडोंगरी के जंगलों में घूमा, उसके बाद 16 सितंबर को पुन परिक्षेत्र नरहरपुर सीमा के क्षेत्र में हाथियों का दल देखा गया, जो ग्राम मुरूमतरा, मारवाड़ी, देवीनवागांव क्षेत्र में 22 सितंबर तक विचरण करते हुए ग्राम हल्बा, हाराडुला, तांसी एवं डोकला में पहुंचकर चारामा परिक्षेत्र सीमा में 24 दिनों तक विचरण कर कई कृषकों के फसल एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस बीच 28 सितंबर को ग्राम थानाबोड़ी में प्रवेश कर 15 किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचाया गया तथा 18 नवंबर से 21 नवंबर तक चारामा परिक्षेत्र में हाथियों के दल द्वारा उत्पात किया गया और 28 नवंबर से 2 दिसम्बर तक चारामा परिक्षेत्र सीमा में ही रहे एवं 06 दिसंबर को हाथियों का दल नरहरपुर क्षेत्र में पहुंचकर ग्राम नरहरपुर, भजनाहालारी, ईमलीपारा, बदबनी, मर्रामपानी के जंगलों से होते हुए परिक्षेत्र चारामा के ग्राम पलेवा की ओर चले गए। इसके बाद 8 से 12 दिसंबर तक उप परिक्षेत्र लखनपुरी के ग्राम पलेवा तथा बाड़ाटोला में पहुंचे, जहां उनके द्वारा किसानों के फसल एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस दौरान हाथियों के दल द्वारा किसी भी प्रकार की जनहानि एवं पशु हानि नहीं की गई। उनके द्वारा केवल फसल एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।
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