प्रशासन की मनाही के बाजूद मेला स्थल में सरकारी नियमों को तोड़ दुकानदार अपनी मनमानी करते दुकाने लगा रहे हैं। दुकानदारों का कहना है उन्हें नगर पालिका ने अनुमति दी है जबकि पालिका ने स्पष्ट कहा कि मेले में दुकान लगाने किसी को भी अनुमति नहीं दी गई है। उल्टे पालिका का कहना है परंपरा कायम रहे इसलिए इस साल मेले में देव को कर्मचारी अपने खर्चे पर नारियल, फूल व पान आदि चढ़ाएंगे, क्योंकि मेला लगाने अनुमति नहीं है तो उसके नाम से सरकारी खर्च भी नहीं कर सकते।
कोरोना को देखते जिला प्रशासन ने स्पष्ट कह दिया था कि मेला नहीं लगाया जाएगा। संस्कृति व परंपरा का निवर्हन करने मेले में निर्धारित संख्या में पूजा पाठ करने अनुमति दी गई है। इसके बावजूद कांकेर मेले के दो दिन पहले ही मेला स्थल में दुकान लगनी शुरू हो गईं। शुक्रवार शाम तक वाहनों में दुकानों के सामान लाए जा रहे थे। पाबंदी के बाद भी जब मेला स्थल में दुकान लगाई जाने लगी तो जानकारी जुटाई गई।
दुकानदार बोले- सिर्फ झूला लगाने की है मनाही
ग्राम नारा से छोटा झूला लेकर आए लोकेश सिन्हा, चारामा से आए खिलौना विक्रेता डाकेश्वर सिन्हा, कुशल राम सिन्हा, जीवराखन सिन्हा का कहना था उन्होने नगर पालिका से बात की है, नगर पालिका ने कहा है कि दुकानें लगाई जा सकती है। झूला नहीं लगेगा। नगर पालिका कार्यालय गए तो वहां पांच लोग बैठे थे जिन्होंने अनुमति दी है। दो दिन दुकान लगाने कहा गया है। विक्रेताओं ने यह भी कहा कि लिखित में अनुमति नहीं दी गई है। दल्ली राजहरा से आए कपड़ा व्यवसायी महेश सिंग, राजू ने कहा लिखित अनुमति नहीं मिली है, लेकिन कपड़ा दुकान लगाने मौखिक कहा गया है।
स्वयं बनाया लेआउट, हाईवे पर लगीं दुकानें
नगर पालिका का कहना है कि मेला नहीं लगने के कारण न इस साल पालिका ने मेला स्थल में कहीं भी दुकानों के लिए ले आउट बनाकर नहीं दिया है। सिर्फ पूजा स्थल की साफ सफाई कराई है। मेला स्थल में दुकानों के लिए चूना से ले आउट नजर आ रहा है जिसके संबंध में पालिका ने कहा कि इसे दुकानदारों ने ही अपने स्तर पर कर लिया है। इतना ही नहीं मेला स्थल से बाहर मेन रोड में भी दुकानें लगनी शुरू हो गई हैं। नेशनल हाईवे में जीवन बीमा कार्यालय के पास बिना अनुमति होटल भी लगा लिया गया है।
झूठ बोल रहे दुकानदार
राजस्व व मेला प्रभारी महेंद्र श्याम कार्तिक ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते दुकान लगाने किसी को अनुमति भी नहीं दी गई है। दुकान का लेआउट वगैरह नहीं दिया गया है। दुकानदार झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें पालिका ने अनुमति दी है।
पिछले सप्ताह ही हटाए गए थे स्थानीय
मेला स्थल व उसके आसपास जो दुकानें लग रहीं हैं वे सभी बाहरी विक्रेताओं की है। स्थानीय विक्रेताओं की दुकानों को पिछले सप्ताह ही मेन रोड से हटाया गया था। इसके बाद मेन रोड में इन्हीं जगहों पर दुकानें लगाई जा रहीं हैं जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। स्थानीय विक्रेताओं ने कहा कि जब यहां से दुकानें हटाईं तो फिर क्यों लगने दी जा रही है। साथ ही यह भी कहना है कि मेला नहीं लगेगा कह कर दुकानें हटाई गई थी। फिर मेला क्यों लगने दिया जा रहा है।
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