साजा जनपद के अमलीडीह क्वारेंटाइन सेंटर में पॉजिटिव पाई गई प्रवासी महिला श्रमिक के साथ कोदवा बस स्टैंड से साजा तक सफर करने वालों के रूप में साजा जनपद क्षेत्र के ही तीन गांव के 6 लोगों की पहचान की गई है। इनमें ग्राम पंचायत धौराभाठा के दो लोग परसबोड़ क्वारेंटाइन सेंटर में व मोहतरा सेंटर में दो व्यक्ति पहुंचे हुए हैं। इस संबंध में साजा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एके वर्मा ने बताया कि पॉजिटिव पाई गई महिला श्रमिक ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार 18 मई को पुणे से कोदवा पहुंची थे। उनके साथ कोदवा से साजा तक सफर करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है, जिनका सैंपल रायपुर जांच के लिए भेजा जा रहा है।
देवी प्रसाद चौबे कॉलेज के क्वारेंटाइन सेंटर में कुल 158 व्यक्ति हैं, जिनकी सैंपलिंग सोमवार को शुरू हो गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष तौर पर दो टीम तैयार की गई है, जो सैंपल लेने का कार्य कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा ग्राम अमलीडीह को कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाने के बाद गांव में जांच शुरू हुई।
आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीज व बच्चे हुए शिफ्ट
सीएमएचओ डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि पुणे से पति और बच्चे के साथ आई 22 वर्षीय महिला श्रमिक कोरोना पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद उसके पति व 1 साल के बच्चे को भी रायपुर भेजा गया था। लेकिन माना स्थित कोविड हॉस्पिटल में बच्चे के लिए सुविधा नहीं होने के कारण शासन ने आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीज व बच्चे को शिफ्ट कर दिया है। जहां इलाज शुरू कर दिया गया है। वहां बच्चे के लिए भी पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। टीम ने क्वारेंटाइन सेंटर में भी रेंडम सैम्पलिंग का काम शुरू कर दिया।
प्रशासन के साधन से 19110 मजदूर लाए गए
जिले में अब तक 19110 प्रवासी व्यक्ति आ चुके हैं। जिसमें बेमेतरा जनपद के अंतर्गत 5191, नवागढ़ जनपद के अंतर्गत 5266, साजा जनपद के अंतर्गत 4426 व बेरला जनपद के अंतर्गत 3212 श्रमिक पहुंचे हैं। जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने बताया कि सभी क्षेत्रों में पहुंचे श्रमिकों को पर्याप्त सुविधाएं दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से जांच व सैंपल लेने का कार्य किया जा रहा है। खासतौर पर सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र के पुणे शहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
छुट्टी के दिन 174 मजदूर पुणे व अहमदाबाद से पहुंचे
सरकारी व्यवस्थाओं के अलावा निजी साधन से भी आने वाले प्रवासियों को बड़ी संख्या में गांव-गांव के क्वारेंटाइन किया गया है। सारे आंकड़े मिलाकर जिले में अब तक 28000 से अधिक प्रवासी श्रमिक पहुंच चुके हैं। श्रमिकों का बेमेतरा जिले में आना निरंतर जारी है। इसके लिए सरकार ने ट्रेन व बसों की सुविधा भी दी है। रविवार के अवकाश के दिन भी अहमदाबाद और पुणे से करीब 174 मजदूर बेमेतरा जिले में लाए गए। सभी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए बस की सुविधा रेलवे स्टेशन से उपलब्ध कराई गई थी। जल संसाधन विभाग के एसडीओ को श्रमिकों को बेमेतरा जिला मुख्यालय लाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
900 से अधिक क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे मजदूर
क्वारेंटाइन सेंटरों में भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी विशेष तौर पर जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय सहायता समूहों को सौंपी गई है, जिनके द्वारा नियमित रूप से सेंटरों में श्रमिकों को दो समय का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कार्य के संबंध में सीईओ जिला पंचायत रीता यादव ने बताया कि बेमेतरा जिले के ग्रामीण क्षेत्र के करीब 900 से अधिक क्वारेंटाइन सेंटरों में मजदूर ठहराए गए हैं, जिन्हें नियमित रूप से भोजन मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में 27 क्वारेंटाइन सेंटर में 1015 प्रवासी श्रमिक ठहरे हुए हैं। इसमें बेमेतरा नपा के अलावा साजा, बेरला, नवागढ़, मारो, परपोड़ी, थान खम्हरिया व देवकर नपं शामिल हैं।
सोमवार को बेमेतरा जिले पहुंचे 22 प्रवासी मजदूर
डिप्टी कलेक्टर व जिला नोडल अधिकारी संदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि सोमवार को 22 श्रमिक बेमेतरा पहुंचे। इनमें राजस्थान के जयपुर से 9 भाटापारा रेलवे स्टेशन में उतरे। इसी प्रकार ओडिशा के भुनेश्वर से 12 व बिहार के दरभंगा से एक प्रवासी श्रमिक बेमेतरा जिले में आए हैं। इस तरह से कुल 22 श्रमिकों का आगमन बेमेतरा जिले में हुआ है। इन सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य विभाग ने जांच की है।
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