काेराेना महामारी का असर पूरी दुनिया के साथ काम धंधा व सृष्टि के देवता बाबा विश्वकर्मा की पूजा पर भी देखने काे मिल रहा है। इस साल काेराेना के कारण बड़ी मूर्ति का ऑर्डर कम हुआ है। चक्रधरपुर के दंदासाई के मूर्तिकार सुधीर पाल बताते हैं कि वह छोटे और बड़े मिला कर 90 विश्वकर्मा की प्रतिमा बनाते थे। कोरोना के कारण इस वर्ष सिर्फ 30 प्रतिमा ही बनाए हैं। इसमें सिर्फ चार प्रतिमा बड़ी बनी है। इसका मतलब साफ है कि 75 फीसदी प्रतिमा नहीं बन रही है। इधर, जिले में 17 सितंबर काे विश्वकर्मा पूजा है। इस पूजा काे लेकर थीम आधारित प्रतिमाएं बनायी जा रही हैं। इसमें एक बुलेट पर बाबा सवार हैं ताे दूसरी ओर हाल के चर्चा में आए तेलांगाना के हथिनी बम कांड की क्रूर घटना काे भी दिखाया गया है।
श्रद्धालुओं को बुलेट गाड़ी पर दिखेेंगे बाबा विश्वकर्मा
इस बार श्रद्धालुओं को भगवान विश्वकर्मा बुलेट गाड़ी में सवार दिखेंगे। इतना ही नहीं उनका वहन यानी हाथी भी बुलेट गाड़ी के पीछे बैठे नजर आएगा। भगवान विश्वकर्मा वहन हाथी को बुलेट गाड़ी में बैठा कर भ्रमण कर रहे हैं। ऐसा प्रतिमा मूर्तिकार सुधीर पाल द्वारा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के मांग पर की गई है। यह प्रतिमा सोनुआ में दिखेगी। सोनुआ के श्रद्धालु ऑर्डर देकर पाल से प्रतिमा बनवाया हैं।
तेलंगाना में विस्फोट से हथिनी की मौत थीम पर प्रतिमा
कुछ महीने पहले तेलांगना में एक गर्भवती हाथी को फल में बम डाल कर खिला दिया गया था। विस्फोट होने से हाथी और उसके बच्चे की मौत हो गई थी। इसी थीम पर मूर्तिकार पाल ने भगवान विश्वकर्मा के वहन हाथी को गर्भवती दिखाया है। ताकि लोग उसे देख तेलंगाना की घटना को याद करें और किसी जानवर पर इस तरह की घटना नहीं करें। यह प्रतिमा रेलवे के आईडब्ल्यू विभाग में लगाया जाएगी।
विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति को अंतिम रूप देने में व्यस्त मूर्तिकार
विश्वकर्मा पूजा की तैयारी के लिए मूर्तिकार विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण पूजा में अधिक भीड़ भीड़-भाड़ नहीं करने के निर्देश के कारण अनेक सार्वजनिक स्थानों पर पूजा नहीं की जा रही है अथवा सादगी पूर्ण ढंग से की जाएगी। इस कारण चाईबासा कुम्हार टोली के मूर्तिकार परिवार चिंतित है, उन्हें पूर्व की तरह कमाई होती नहीं दिखाई दे रही है।
महिला मूर्तिकार बेबी देवी ने बताया कि इस बार मूर्तियों का कम ऑर्डर मिला है। उन्हें 10 स्थानों का ही काम मिला है। इनमें चाईबासा के कई स्थानों के अलावा कुजू, चलयामा एवं ग्रामीण क्षेत्रों के आर्डर मिले हैं। मूर्तिकार सौरव प्रजापति ने बताया कि इस बार 5 फीट तक मूर्तियों के बनाने के सरकारी निर्देश के बाद बड़ी मूर्तियों का आर्डर नहीं मिला है। छोटी मूर्तियों वाले 8 से 10 ऑर्डर मिले हैं जबकि पूर्व में 30 से 40 पंडालों के ऑर्डर मिला करते थे।
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