कोरर क्षेत्र के किसानों ने कृषि केंद्रों धान बीज मिलावट होने की शिकायत कृषि अधिकारियों से की थी। कृषि अधिकारी को मौके पर इसका मुआयना भी कराया था। इसको लेकर दैनिक भास्कर में 29 सिंतबर को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई। इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी और बीज कंपनी के अधिकारी जांच में पहुंचे। अधिकारियों ने जांच कर कहा कि खेतों में 15 से 20 प्रतिशत धान दूसरे किस्म होने की आशंका है, इसका भरपाई के लिए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
किसान हेटारकसा लोकनाथ नेताम, चिल्हाटी के वसीम खान, जामपारा के संतोष तिवारी, बैजनपुरी के गोलू चुरगिया, कुर्री के मंगल कोमरा, घोड़दा के राकेश गावड़े ने बताया द्वारा मिलावट बीज विभिन्न कृषि सेवा केंद्रों से बायर बायोसाइस कंपनी के संकट किस्म की धान बीज एजेंड 8433 डीटी एवं धान हाईब्रीड धान बीज खरीद कर लगाया गया था। इसमें बालियां एक साथ न निकल कर आगे पीछे निकल रही हैं। इससे बीज के मिलावट होने की आशंका हैं। इसके कारण किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसकी शिकायत की गई थी। बुधवार को खेतों की जांच की है और कहा है कि इसमें धान का जितना नुकसान होगा, उसकी भरपाई की जाएगी। जांच में पहुंच अधिकारी और वैज्ञानिकों ने घोड़दा के किसान श्रवण, रामरतन, कोरर के बीरेश ठाकुर, हेमंत ध्रुव के खेतों का निरीक्षण किया और पाया है कि 15 से 20 फीसदी मिलावट की आशंका माना है।
नुकसान की भरपाई करेगी कंपनी: पाटिल
बायर कंपनी के राज्य प्रमुख राजेश पाटिल ने कहा कि धान की फसल में जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई कंपनी द्वारा की जाएगी। जांच दल में कृषि उपसंचालक एनके नागेश, कृषि वैज्ञानिक डॉ अमीन कुरैशी, डॉ. उपेंद्र नाग, हेमंत टोप्पो, एसडीओ डीएस पटेल, एनआर नेताम आदि शामिल थे।
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