कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सैनिटाइजेशन के लिए निकाय से लेकर कॉलरी क्षेत्रों तक में हानिकारक केमिकल के छिड़काव के दौरान घोर लापरवाही बरती जा रही है। इससे कई जानलेवा बीमारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के द्वारा राजनगर, पौराधार, कुरजा, कपिलधारा, बिजुरी, बहेराबांध, खोंगापानी, लेदरी एवं झगराखांड सहित समूचे हसदेव क्षेत्र सहित मनेंद्रगढ़ निकाय में भी सैनिटाइजेशन के लिए सोडियम
हाइपोक्लोराइट केमिकल को पानी में घोलकर कोल डस्ट में पानी का छिड़काव करने वाले वाहन के माध्यम से छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन उक्त केमिकल से होने वाले हानिकारक प्रभाव की अनदेखी की जा रही है। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कई राज्यों को गाइडलाइन भेजी है। उक्त केमिकल के संपर्क में आने पर त्वचा रोग व अन्य नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं। यह इतनी तेजी से रिएक्ट करता है कि इससे मेटल में भी छेद हो सकता है। कपड़े पर जहां गिरता है वहां कपड़ा जल जाता है। त्वचा भी जल जाती है और दाद जैसे निशान हो जाते हैं, बावजूद इसके छिड़काव कराया जा रहा है।
लिविंग एरिया में छिड़काव है घातक: नेताम
खाद्य एवं औषधि विभाग के सहायक औषधि नियंत्रक संजय नेताम ने भी सोडियमहाइपोक्लोराइट को हानिकारक केमिकल बताया। उन्होंने कहा कि नॉन लिविंग एरिया में इसका छिड़काव कराया जा सकता है, लेकिन लिविंग एरिया में छिड़काव के दौरान कोई व्यक्ति यदि इसके संपर्क में आता है तो वह कैंसर जैसी घातक और जानलेवा बीमारी का शिकार हो सकता है।
छिड़काव पर बैन की जानकारी नहीं: धृतलहरें
एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के एसओ सिविल धृतलहरे ने कहा कि सैनिटाइजेशन के लिए सोडियम हाईपोक्लोराइड केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय ने टोटल शरीर को सैनिटाइज करने के लिए इस्तेमाल होने वाले टनल में उक्त केमिकल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। खुले में उक्त केमिकल के छिड़काव में रोक की हमें कोई जानकारी नहीं है।
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