जनपद पंचायत माकड़ी की महिलाएं भी प्रतिदिन चूल्हे-चौके के कार्यों में लगी रहतीं थी, परंतु स्वाभिमानपूर्वक जीवन के लिए उन्होंने रसोई से बाहर निकलकर उत्पादक कार्यों से जुड़कर आगे बढ़ने की ठानी। उन्होंने मोरनी स्वसहायता समूह का गठन कर मसाला बनाना शुरू किया।
पिछले 2 वर्षों में समूह को राशन सामग्री एवं मसालों के विक्रय से कुल 5 लाख 53 हजार रुपए की आमदनी हुई। इस दौरान उन्होंने शासकीय आश्रम-छात्रावासों को अरहर दाल 1260 क्विंटल, मसूर दाल 1260 क्विंटल, चना 275 क्विंटल, मटर 290 क्विंटल, हल्दी 74 क्विंटल, मिर्च 76 क्विंटल, मसाला 72 क्विंटल, धनिया 57 क्विंटल विक्रय किया।
2019 में शुरू किया मसाला बनाना
गांव की ही 10 महिलाओं ने समूह बनाकर जिला पंचायत सीईओ डीएन कश्यप के मार्गदर्शन में जिला मिशन प्रबंधक विनय सिंह एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के अधिकारियों से मिलकर मसाला निर्माण के संबंध में जानकारी ली। बिहान से प्रशिक्षण प्राप्त कर शासन द्वारा रिवाॅल्विंग फंड द्वारा प्राप्त 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता एवं सामुदायिक संस्थागत अनुदान से प्राप्त 60 हजार रुपए से क्रेडिट निर्माण के बाद बैंक द्वारा 3 लाख की ऋण की राशि आसान किस्तों में प्राप्त हुई।
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