31 दिसंबर की रात को 12 बजे आतिशबाजी हुई और नए साल की बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। नए साल के पहले दिन को हंसी-खुशी से बिताने और इस दिन को यादगार बनाने के लिए अधिकांश लोग शहर से नजदीकी पिकनिक स्पॉटों में पहुंचे।
प्रकृति की गोद में वनभोज का मजा वाकई सुकुन भरे पल के साथ साल भर का एक यादगार लम्हा बन जाता है। यही वजह है कि जिले के सभी पिकनिक स्पॉटों में नए साल के दिन लोगों की भीड़ वनभोज के लिए जुटी। रानीदह जलप्रपात, राजपुरी और कैलाश नाथेश्वर गुफा में जशपुर जिले के अलावा झारखंड और ओडिसा से भी पर्यटकों का आगमन हुआ था। प्रकृति सुंदरता से लैस जशपुर जिले में नए साल का स्वागत भी प्रकृति की गोद में जश्न के साथ हुआ। नए साल का स्वागत लोग जोश उमंग और उल्लास के साथ किया गया। पहले ही सबने नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए अलग-अलग तैयारियां कर रखी थी। शहर के अधिकांश युवा पिकनिक स्पॉटों में जाकर वनभोज करने दिखाई पड़े। इसके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं, जो अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए गए हुए थे।
रानीदह व दमेरा में जलप्रपात देखने पह़ुंचे लोग
नए साल के दिन यहां पिकनिक मनाने के लिए जशपुर से ही हजारों लोग पहुंचे थे। इसके अलावा झारखंड के रांची, गुमला, सिमडेगा और ओडिसा के सुंदरगढ़ आदि क्षेत्रों से भी यहां लोगों का आगमन हुआ था। दमेरा जलप्रताप जो जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर स्थित है यहां भी पिकनिक के लिए शहर से हजारों की भीड़ नए साल के दिन पहुंचे। जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर गुल्लू जलप्रपात में भी भारी तादाद में लोग पहुंचे थे।
राजपूरी में मेले जैसी भीड़
बगीचा ब्लॉक मुख्यालय से महज 3 किमी की दूरी पर स्थित राजपूरी जलप्रपात में नए साल के दिन मेले जैसा माहौल देखा गया। हर साल नए साल के दिन यहां जशपुर सहित पड़ोसी जिले से हजारों की भीड़ जुटती है। इस साल भी यहां भारी भीड़ देखी गई।
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