छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ का जिला स्तरीय प्रतिनिधि मंडल डीईओ से मिलकर जिले के प्राचार्यो ,व्याख्याताओं के असंचयी प्रभाव से वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने के आदेश पर आपत्ति दर्ज कराते हुए निरस्त करने की मांग की।
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष टिकेश ठाकुर ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में 50 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम का हवाला देकर जिले के अनेक शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी किया गया है। संघ ने कहा कि कम परीक्षा परिणाम के लिए कई कारक जिम्मेदार है। अनेक विद्यालय में केवल दो-तीन शिक्षक पदस्थ है। अपने मूल विषय का परिणाम बेहतर आया, लेकिन बच्चों का नुकसान न हो इसलिए अन्य विषय का भी अध्यापन कर रहा था। कोर्स पूरा नहीं हुआ।
कोरोनाकाल में भी जुटे हैं शिक्षक
कोयलीबेड़ा, अंतागढ़, दुर्गूकोंदल जैसे संवेदनशील विकासखंडों में संसाधनों की कमी भी एक कारण है। इस कोरोना महामारी काल में पूरे जिले के शिक्षक पूर्ण मनोयोग से राज्य शासन जिला प्रशासन की मंशानुरूप मोहल्ला क्लास, बुलटू के बोल, लाउडस्पीकर गुरुजी, मिस्ड कॉल गुरुजी, ऑनलाइन क्लास आदि नवाचारी कार्य कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष ने डीईओ से सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए असंचयी प्रभाव से रोके जाने वाले आदेश को निरस्त करने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में प्रांतीय उपाध्यक्ष सुरेश श्रीवास्तव, जिला सचिव पेशीराम कुंजाम, प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य प्रवीर बाला, जिला कोषाध्यक्ष रामशरण जैन, ब्लाक अध्यक्ष बाबुल शील, ब्लाक सचिव सत्यवान वैद्य सहित सभी प्रभावित प्राचार्य ,व्याख्यायता शामिल थे।
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