नया साल अपने साथ कई उम्मीदें लेकर आया है। वर्ष 2020 कोरोना के कारण प्रभावित रहा, पर उस साल ऐसे कई काम शुरू हुए जिसका लाभ वर्ष 2021 में लोगों को मिलेगा। जिला बनने के बाद पहली बार जशपुर तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क लोगों को मिलेगी। नेशनल हाइवे 43 का काम अंतिम चरण में है और मार्च महीने तक यह पूरा हो जाएगा। शहर की दो दशक से भी पुरानी मांग एस्ट्रोटर्फ भी इस वर्ष पूरा होने उम्मीद है क्योंकि एनईएस कॉलेज ग्राउंड में एस्ट्रोटर्फ का काम तेजी से चल रहा है। उच्च शिक्षा के लिहाज से भी वर्ष 2021 एक महत्वपूर्ण साल होगा। लंबे इंतजार के बाद इस वर्ष जिले में कृषि महाविद्यालय खुलने जा रहा है। इससे यहां कृषि के क्षेत्र में छात्राें का ज्ञान बढ़ेगा।
सड़क तैयार, पुल पुलिया का काम तीन महीने में होगा पूरा
जब से जशपुर जिले का गठन हुआ तब से जिले की सबसे बड़ी समस्या खराब सड़क थी। एनएच 43 जशपुर की लाइफलाइन मानी जाती है। बीते करीब एक दशक से एनएच 43 की खराब इतनी ज्यादा खराब थी कि 40 किलोमीटर के सफर में डेढ़ से दो घंटे का वक्त लग रहा था। वर्ष 2018 से लेकर 2020 तक तीन साल हाइवे पर चल रहे काम के कारण परेशानी हुई। टूटी सड़क तो गड्ढ़ों से भरी सड़क पर लोगों को सफर करना पड़ा। पर 2021 में अच्छी सड़क का लाभ लोगों को मिलेगा। झारखंड से जशपुर पहुंचने या जशपुर से कुनकुरी जाने में लाेग चमचमाती हाइवे पर सफर करेंगे। हाइवे के दूसरे हिस्से पत्थलगांव से कुनकुरी तक की सड़क पर भी काम चल रहा है।
यह सड़कें भी पूरी होंगी
जशपुर से सन्ना
जाने वाली सड़क में 9 किलोमीटर की सड़क बेहद खराब है। मुख्यमंत्री ने इस सड़क को पूरा कराने घोषणा की है। वर्ष 2021 में जशपुर से सन्ना तक भी चमचमाती सड़क बनेगी।
दमेरा चरईडांड़ दमेरा चरईडांड़ सड़क का काम वन विभाग की आपत्ति के कारण रूका पड़ा है। सड़क बनाने की मियाद वर्ष 2019 में ही पूरी हो चुकी है। पीडब्लूडी के अधिकारियों के मुताबिक आपत्ति का निराकरण जल्द कर लिया जाएगा। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2021 में यह सड़क भी पूरी होगी।
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