कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल नहीं लगने से छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। ऑनलाइन क्लास को लेकर छात्रों को बहुत ज्यादा शिकायतें हैं। प्राय: बच्चों का कहना है ऑऩलाइन क्लास में उनको ठीक से समझ नहीं आता। साथ ही पालकों की शिकायत है वे बच्चों को ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल देते हैं लेकिन क्लास के दौरान भी वे मोबाइल में कार्टून देखने लगते हैं या फिर गेम खेलने लगते हैं।
ऑनलाइन क्लास लगाने की प्रकिया अप्रैल माह से शुरू हुई है। ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई करने वाले छात्रों की शिकायत है उनको ऑनलाइन क्लास में शिक्षक जो पढ़ाते हैं वह समझ नहीं आता है। इसे लेकर वे बहुत परेशान हैं। कक्षा 12वीं कॉमर्स की छात्रा आकांक्षा पटेल ने कहा स्कूल में पढ़ाई का वातावरण मिलता है। ऑनलाइन क्लास में शिक्षकों की आवाज ठीक से नहीं आती तथा शिक्षक द्वारा क्या पढ़ाया जा रहा है समझ में नहीं आता है। 10वीं के छात्र यशदीप पटेल ने कहा कि ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के दौरान आवाज में बहुत ज्यादा घरघराहट होती है। साथ की कई बार तकनीकी खराबी की वजह से शिक्षक की आवाज ही आना बंद हो जाती है। 11वीं की छात्रा संजना सिन्हा ने कहा मोबाइल में कई बार नेटवर्क की समस्या के कारण क्लास से जुड़ ही नहीं पाते। जब तक जुड़ते हैं तब तक आधी क्लास निकल चुकी होती है। 12वीं बॉयोलाजी की छात्रा तरूणा पटेल ने कहा कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन क्लास के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है लेकिन मोबाइल में पढ़ाई करने से आंखों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
पालक बच्चों पर नजर रखें
कांकेर जिला ऑनलाइन क्लास प्रभारी संजीत श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चो को मोबाइल ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए दें तो पालकों को चाहिए उन पर नजर रखें। ऑनलाइन क्लास में अगर कुछ समझ में नहीं आ रहा है तो बाद में भी शिक्षकों को मैसेज कर मार्गदर्शन ले सकते हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई में दूर नहीं कर पाते दुविधाएं
7वीं कक्षा की मीनल व्यास ने कहा ऑनलाइन पढ़ाई तो कर रहे हैं लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या है हमें कोई डाउट हो तो शिक्षक से पूछकर क्लियर नहीं कर पाते। जबकि स्कूल में लगने वाली क्लास में कोई भी डाउट होता था तो तुरंत शिक्षक से पूछ सकते थे। इसके अलावा स्कूल में क्लास के बाद भी शिक्षक से प्रत्यक्ष भेंटकर डाउट क्लियर कर लेते थे।
छोटे बच्चे गेम खेलने या कार्टून देखने लगते हैं
ईधर ऑनलाइन क्लास को लेकर पालक भी परेशान हैं। फोटो व्यवसायी योगेश साहू ने कहा उनकी दोनों बेटियां प्राइमरी में हैं। ऑनलाइन क्लास के लिए दोनों को मोबाइल देना पड़ता है। बच्चे छोटे हैं जिसके चलते कई बार क्लास के दौरान वे मोबाइल में गेम खेलने लगते हैं या कार्टून देखने लगते हैं। स्कूलों में बच्चे अनुशासित रहते थे। राजापारा के रमाकांत तिवारी ने कहा पुत्र दूसरी कक्षा में है। मोबाइल में पढ़ाई से थोड़ा भी मन उचटा तो वे मोबाइल में गेम खेलने लगते हैं। क्लास में ध्यान हटने पर टोकने के लिए शिक्षक होते थे।
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