
स्थानीय प्रखंड के निजी मीटिंग हॉल में पूरे जिले के लगभग दर्जनों एंबुलेंस कर्मियों ने एक बैठक की। इस बैठक में इन लोगों ने सरकार से अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर चर्चा की। बैठक की अध्यक्षता जिले के 102 एंबुलेंस कर्मी संघ के अध्यक्ष कृष्ण दत्त मिश्रा ने किया। मंच का संचालन सचिव शैलेंद्र कुमार ने किया। 102 अध्यक्ष ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में 102 एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगा कर के अपनी परवाह और अपने परिवार परिवार की परवाह किए बिना इस कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी में भी दिन-रात कार्य करते रहे। लेकिन हमारी सुध लेने वाला लगता है,जैसे कोई नहीं। उन्होंने कहा की एंबुलेंस कर्मी दिन हो या रात हमेशा तत्पर रहे और रहते है। लेकिन सरकार और एजेंसी की मनमानी की वजह से हम लोगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका नतीजा यह है कि आज लगातार 72 दिनों से हम लोग मरीजों को ढोने का काम कर रहे हैं। लेकिन फिर भी हम और हमारे साथियों के साथ सरकार दोहरी नीति अपना रहे है।
कर्मियों का आरोप- बेवजह कर देते हैं नौकरी से निष्कासित
वक्ताओं ने अपनी मांगों को रखते हुए कहा कि बेवजह हम एंबुलेंस कर्मियों को निष्कासित कर दिया जाता है।इसपर रोक लगे पांचवा प्रोत्साहन भुगतान के संबंध में था। छठा 10 परसेंट वेतन वृद्धि के संबंध में था।सातवा अल्पाहार एवं भोजन की राशि भुगतान नहीं होने के संबंध में था।और आठवां अभी तक इन लोगों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। इस संबंध में इन लोगों ने अपनी आवाज बुलंद किया। इस कार्यक्रम में 102 एंबुलेंस कर्मी के सचिव शैलेंद्र कुमार ने कहा कि हमारे दो कर्मी रंजीत कुमार सिंह और पंकज कुमार पासवान को बेवजह सस्पेंड कर दिया गया है।
नहीं जमा किया जाता है ईपीएफओ
इन लोगों ने सर्वसम्मति से 8 सूत्री मांगों को सरकार के पास रखा। इनकी पहली मांग ईपीएफओ तथा ईएसआई से संबंधित था। इन लोगों ने कहा कि ईपीएफओ में कई कर्मियों का पैसा 13 सौ के आसपास विभाग के द्वारा काटा जाता है। लेकिन जब भी कर्मियों के द्वारा ईपीएफओ की जांच की जाती है तो पाया जाता है कि इनका ईपीएफओ ने कोई राशि अभी तक जमा ही नहीं हुआ है। वेतन में भारी गड़बड़ी का भी मामला उठाया। बताया कि पिछले महीने जो एंबुलेंस कर्मियों को वेतन दिया गया है।उसके एवज में विभाग के द्वारा दिन रात मेहनत करने के बावजूद भी किसी का वेतन 5 दिन का कम दिया गया है।किसी कर्मी को दस दिन का वेतन कम दिया गया है। इस तरह की मनमानी नहीं चलेगी।
हड़ताल पर जाने से बढ़ेगी परेशानी
कई लोगों को बेवजह काम से बैठा दिया गया है। अगर इसी तरह से विभागीय अधिकारी और सरकार के द्वारा कोताही बरती गई तो और हमारे द्वारा पारित 8 सूत्री मांगे नहीं मानी गई तो पूरे बक्सर जिले के एंबुलेंसकर्मी 5 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जिससे की परेशानी हो सकती है।
लापरवाही से काटा गया वेतन : एसीएमओ
एसीएमओ विनय राज हंस ने बताया की कुछ मांगे इनकी जायज है। लेकिन जिन लोगों का वेतन नहीं दिया गया है।उनके द्वारा कार्य में कोताही किया गया है। इस कोरोनावायरस जैसी महामारी में इनकी जैसे ही ड्यूटी लगाई जाती थी। ये लोग भारी लापरवाही करते थे।जिसके कारण इनको काम करने से रोक दिया गया था। जिस कारण परेशानी हुई है।
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